महेंद्र सिंह धोनी क्या सचिन तेंदुलकर से भी ज़्यादा दुलारे थे?
MS Dhoni Retirement एम एस धोनी ऐसे खिलाड़ी थे जिनकी सादगी के कारण हर कोई उनके करीब महसूस करता था, उन्होंने हमेशा एहसास दिलाया कि वह जमीन से जुड़े हुए हैं.
नई दिल्ली. महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) ने भले खुद ही ये कहा है कि वो पल दो पल के शायर हैं और पल दो पल उनकी कहानी है लेकिन हकीकत में तो वो हर पल के शायर है और हर पल उनकी कहानी है. सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को नई सदी में एक क्रिकेट रिपोर्टर के तौर पर कवर करना अपने आप में बेहद रोमांचित करने वाला पल हुआ करता था. लेकिन, तेंदुलकर तो तेंदुलकर थे. बचपन से ही मान लिया गया था कि वो महान बनेंगे और वो बन गए महानतम. लेकिन, तेंदुलकर की शख्सियत में हमेशा एक दूरी का एहसास होता था. उन्हें भगवान का दर्जा मिलना शायद ग़लत नहीं था क्योंकि उनके करीब जाने की हिम्मत भी कई मर्तबा अनुभवी पत्रकारों को नहीं होती थी. लेकिन, धोनी बिल्कुल उसके उलट. छोटे शहर का बिंदास लड़का जिससे कोई भी सहज़ होकर 2 मिनट के लिए बात कर सकता था. धोनी भले ही किसी रिपोर्टर को इटंरव्यू या ख़बर न दें लेकिन अपने चेहरे की मुस्कान से बड़े आलोचकों को भी नरम कर देते थे.
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