सच्चे मन से करो याद सभी प्रकार की सुख और समृद्धि के वाहक बनेंगे श्रीराम
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सच्चे मन से करो याद सभी प्रकार की सुख और समृद्धि के वाहक बनेंगे श्रीराम
New Delhi : भगवान राम को विष्णु का सातवां अवतार कहा जाता है। यही नहीं भगवान श्री राम को मर्यादा का प्रतीक माना जाता है। उन्हें पुरुषोत्तम यानि श्रेष्ठ पुरुष की संज्ञा दी जाती है। ऐसी मान्यता है कि रामनवमी के दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन घरों में विशेष पूजा पाठ और हवन किया जाता है।
इस दिन चैत्र नवरात्रि भी समाप्त होते हैं और मां दुर्गा को विदाई दी जाती है। नवरात्र का पारण दशमी तिथि 2 अप्रैल को किया जाएगा। नवमी का व्रत एवं हवन गुरुवार 02 अप्रैल को किया जाएगा। गुरुवार को नवमी तिथि को मध्याह्न बेला में श्रीराम चन्द्र जी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।अयोध्या में राजा दशरथ के यहां भगवान राम का जन्म हुआ था। इस दिन रामचरित मानस का पाठ करना भी बहुत अच्छा माना जाता है। इस दिन भागवान को पंचामृत से स्नान कराया जाता है।
अयोध्या, रामेश्वरम और सीतामढ़ी बिहार में इस दिन विशेष आयोजन किए जाते हैं, लेकिन इस बार कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण सभी धार्मिक स्थल बंद है। भगवान राम ने अपने चौदह साल का वनवास किया था और इस दौरान उन्होंने रावण को मारकर धर्म की स्थापना की थी। माना जाता है इस दिन उपवास रखने से जीवन में सभी प्रकार की सुख और समृद्धि आती है।
रामनवमी पूजा मुहूर्त: 10.38 से 1.30 बजे तक
रामनवमी पर सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ वस्त्र पहनें। इसके बाद भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी की प्रतिमाओं को रोली का तिलक करें, फिर चावल, फूल, घंटी और शंख भगवान श्री राम को अर्पित करने के बाद भगवान श्रीराम की विधिवत पूजा करें। श्रीराम के मंत्रों का जाप करें, रामायण पढ़ें और रामचरितमानस का भी पाठ करें। अंत में सभी की आरती उतारें। इस दिन भगवान श्रीराम को झूला अवश्य झुलाएं और किसी निर्धन व्यक्ति या ब्राह्मण को गेहूं और बाजरा अवश्य दान में दें।
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