कंपनियां नहीं देना चाहतीं बोनस, न्यूनतम मजदूरी, सरकार से कहा – सैलरी को CSR में डालो
कंपनियां नहीं देना चाहतीं बोनस, न्यूनतम मजदूरी, सरकार से कहा – सैलरी को CSR में डालो
New Delhi : देश में काम कर रहीं कंपनियां कोरोना रियायत के नाम पर कुछ ऐसी सहूलियतें चाह रही हैं जिससे नौकरीपेशा लोगों को काफी नुकसान होगा। कंपनियां चाह रही हैं कि अगले 2 से 3 साल के लिये बोनस और मिनिमम वेज के जो रूल्स हैं उनमें ढील दी जाये। जिससे बोनस और मिनिमम वेज नहीं देना पड़े। कंपनी अपने हिसाब से नियम बनाकर ऐसा करना चाहती हैं। कंपनियों ने ये सुझाव केंद्र सरकार को दिये हैं। कंपनियों की ये बात अगर सरकार ने मानी तो यह नियम लागू भी हो सकते हैं। एम्प्लॉयर्स एसोसिएशन के बैनर तले कंपनियों के प्रतिनिधि केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार से मिले। फिर एसोसिएशन ने कुछ सुझाव दिये।
Government to take all possible steps to help mitigate problems faced by the industry and workers due to #Lockdown: Labour and Employment Minister Santosh Kumar Gangwar#IndiaFightsCorona #COVID19Pandemic
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सरकार से अनुरोध किया गया है – दो-तीन साल के लिए लेबर कानूनों में छूट दी जाये ताकि कर्मचारियों को न तो मिनिमम वेज देना पड़े और न ही बोनस देना पड़े। जो सैलरी वर्कर्स को देंगे या जो दिहाड़ी वर्कर्स को देंगे वो Corporate Social Responsibility के अंतर्गत आये।
सरकार CSR एक्टिविटी के के तहत कंपनियों को भलाई के काम में सौ फीसदी का टैक्स छूट देती है। यह भी डिमांड की गई कि काम करने के वक्त को 12 घंटे तक बढ़ा दिया जाये। श्रमिकों के साथ होने वाले विवाद के लिए डिस्प्यूट एक्ट में भी छूट देने की मांग की गई ताकि लेबर मामलों में मुकदमेबाजी का चक्कर कम हो। कारखाना चलाने के लिए मिनिमम 50% कर्मचारी की अनुमति देने को कहा गया। अभी लॉकडाउन खुलने के बाद एक तिहाई कर्मचारी के लिये अनुमति मिली है।
पीएम गरीब कल्याण योजना में पीएफ वाली योजना का फायदा कंपनियों को ज्यादा दिया जाये। इस योजना में सरकार कर्मचारी और कंपनी दोनों का हिस्सा सरकार जमा करती है। इसके अलावा कंपनी चलाने के लिए सरकार पैकेज दे, साथ ही बिजली की सप्लाई पर सब्सिडी दी जाये। माइग्रेंट लेबर का डेटाबेस बने, लेबर को पूरी सहायता दी जाये। कर्मचारी और कंपनी की तरफ से कर्मचारी की सामाजिक सुरक्षा में खर्चे को घटाया जाये। सारे सुझावों को सुनने के बाद श्रम मंत्री संतोष गंगवार और श्रम मंत्रालय में सचिव हीरानंद सांवरिया ने कंपनियों को आश्वासन दिया कि कोरोना संकटकाल में कंपनियों की यथासंभव सहायता की जायेगी।
पीएम गरीब कल्याण योजना में पीएफ वाली योजना का फायदा कंपनियों को ज्यादा दिया जाये। इस योजना में सरकार कर्मचारी और कंपनी दोनों का हिस्सा सरकार जमा करती है। इसके अलावा कंपनी चलाने के लिए सरकार पैकेज दे, साथ ही बिजली की सप्लाई पर सब्सिडी दी जाये। माइग्रेंट लेबर का डेटाबेस बने, लेबर को पूरी सहायता दी जाये। कर्मचारी और कंपनी की तरफ से कर्मचारी की सामाजिक सुरक्षा में खर्चे को घटाया जाये। सारे सुझावों को सुनने के बाद श्रम मंत्री संतोष गंगवार और श्रम मंत्रालय में सचिव हीरानंद सांवरिया ने कंपनियों को आश्वासन दिया कि कोरोना संकटकाल में कंपनियों की यथासंभव सहायता की जायेगी।
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