नया इंडिया : मोदी सरकार ने गिलगित-बाल्टिस्‍तान और मुजफ्फराबाद को भारत बताना शुरू किया


नया इंडिया : मोदी सरकार ने गिलगित-बाल्टिस्‍तान और मुजफ्फराबाद को भारत बताना शुरू किया

New Delhi : जैसे को तैसा मुहावरे को चरितार्थ करते हुए भारत ने पाकिस्तान को दिखा दिया है कि यह नया इंडिया है। पाकिस्तान एक बदमाशी करेगा तो इंडिया अपनी होशियारी से उसे कहीं का नहीं छोड़ेगा। इस बार गिलगित बाल्टिस्तान और मजफ्फराबाद को लेकर भारत ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। भारत ने अपने सरकारी कामकाज में इस क्षेत्र को भारत का अभिन्न अंग दिखाना शुरू किया है। फिलहाल तो मौसम विभाग की रिपोर्टिंग में यह साफ तौर पर नजर भी आने लगा है। भारतीय मौसम विभाग ने जम्‍मू-कश्‍मीर सब-डिविजन को अब जम्‍मू और कश्‍मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्‍तान और मुजफ्फराबाद कहना शुरू कर दिया है।
India Meteorological Department (IMD) has been issuing weather bulletin for entire Jammu & Kashmir & Ladakh area. We are mentioning Gilgit-Baltistan, Muzaffarabad in the bulletin as they are the parts of India: IMD Director General Mrutyunjay Mohapatra
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इस संबंध में पूछे जाने पर मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा बोले – गिलगित-बाल्टिस्‍तान और मुजफ्फराबाद भारत का अभिन्न अंग है, इसलिये हमने रिपोर्टिंग में शामिल किया। इसको समझने में किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिये।
गिलगित-बाल्टिस्‍तान और मुजफ्फराबाद, दोनों पर पाकिस्‍तान ने अवैध रूप से कब्‍जा कर रखा है। मंगलवार को भारतीय मौसम विभाग ने नॉर्थवेस्‍ट इंडिया के लिए जो अनुमान जारी किये उसमें गिलगित-बाल्टिस्‍तान और मुजफ्फराबाद को भी शामिल किया गया है। मौसम विभाग की ओर से अपने बुलेटिन में गिलगित-बाल्टिस्‍तान और मुजफ्फराबाद को जगह देना बड़ा अहम और कड़ा संदेश सिर्फ पाकिस्तान के लिये नहीं बल्कि बाकी दुनिया के लिये भी है। इसी महीने की शुरुआत में भारत ने साफ कहा था कि पाकिस्‍तान का इन इलाकों पर कोई हक नहीं है।
दरअसल पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्‍तान सरकार को गिलगित-बाल्टिस्‍तान में चुनाव कराने के आदेश दिये थे। भारत ने इसपर कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि पाकिस्‍तान को वहां पर दखल देने का कोई हक नहीं है। भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराये जाने के पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कड़ा विरोध किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने फिर साफ कर दिया कि पूरे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के अलावा गिलगित-बाल्टिस्तान भी भारत का अभिन्न हिस्सा है।
अब चलो जल्द ही गिलगित-बाल्टिस्तान भी खाली करो। पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बेहद सख्त आपत्ति जताते हुए पाकिस्तान सरकार को डेमार्श जारी किया। भारतीय विदेश मंत्रालय की यह प्रतिक्रिया तब आई है जब जम्मू व कश्मीर के नियंत्रण रेखा पर दोनो देशों के बीच लगातार तनाव है। कोविड-19 से बुरी तरफ से प्रभावित होने के बावजूद जिस तरह से पाकिस्तान कश्मीर को अस्थिर करने में लगा है उसके तार गिलगिट बाल्टिस्तान में चुनाव कराने की उसकी साजिश से भी जुड़ा है। पाकिस्तान की साजिश यह है कि दुनिया का ध्यान कश्मीर पर भटका कर गिलगिट बाल्टिस्तान के इलाके में अपनी राजनीतिक साजिश को अंजाम दे।
भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के वरिष्ठ अधिकारी को बुला कर उससे भारतीय पक्ष की नाराजगी से अवगत कराया गया। उन्हें साफ तौर पर बताया गया कि जम्मू कश्मीर का पूरा संभाग, गिलगिट बाल्टिस्तान समेत पूरा लद्दाख का क्षेत्र पूरी तरह से भारत के वैध व अपरिवर्तनीय कदम है। पाकिस्तान ने इसे गैर कानूनी व ताकत के जरिए कब्जा किया है जिस पर वहां की न्यायिक व्यवस्था का कोई हक नहीं है। पाकिस्तान ने अवैध तरीके से भारतीय राज्य जम्मू व कश्मीर के भी एक बड़े हिस्से को कब्जा में किया है। इसे इन सभी इलाकों को जल्द से जल्द खाली करना चाहिए।
India demarched senior Pakistan diplomat and lodged a strong protest to Pakistan against Supreme Court of Pakistan order on the so-called "Gilgit-Baltistan”: Ministry of External Affairs
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It was clearly conveyed that the entire Union Territories of Jammu & Kashmir and Ladakh, including the areas of Gilgit and Baltistan, are an integral part of India by virtue of its fully legal and irrevocable accession: Ministry of External Affairs (MEA)
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इस तरह के न्यायिक फैसलों से पाकिस्तान सरकार अपने अवैध कब्जे को नहीं छिपा सकती है। भारत ने यह भी कहा है कि पिछले सात दशकों से इस इलाके के लोगों का पाकिस्तान दमन कर रहा है और उनकी आजादी की मांग को कुचल रहा है। अंत में भारत ने वर्ष 1994 में भारतीय संसद में कश्मीर को लेकर स्वीकृत प्रस्ताव की भी दिलाई है जिसमें समूचे जम्मू व कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बताया गया था।

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