बहुत अच्छी खबर – इजरायल ने कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार कर ली, प्रोडक्शन भी शुरू


बहुत अच्छी खबर – इजरायल ने कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार कर ली, प्रोडक्शन भी शुरू

New Delhi : इजरायल ने कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार कर ली है। पेटेंट कराकर प्रोडक्शन भी शुरू कर दिया है। ये जल्द मार्केट में उपलब्ध हो जायेगी। इजरायल के रक्षा मंत्री नफताली बेन्‍नेट ने बताया – डिफेंस बायोलॉजिकल इंस्‍टीट्यूट ने कोरोना वायरस का टीका बना लिया है। इंस्‍टीट्यूट ने कोरोना वायरस के एंटीबॉडीज तैयार कर ली हैं। पेटेंट और उत्पादन की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है।
कोरोना का टीका बनाने का दावा करने वाली इजरायल इंस्‍टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल रिसर्च नाम की ये संस्था इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्‍याहू के कार्यालय के अंतर्गत बेहद गोपनीय तरीके से काम करती है। बेन्‍नेट ने रविवार को इंस्‍टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल रिसर्च का दौरा करने के बाद ये ऐलान किया है। रक्षा मंत्री के मुताबिक यह एंटीबॉडी मोनोक्‍लोनल तरीके से कोरोना वायरस पर हमला करती है और संक्रमित लोगों के शरीर के अंदर ही कोरोना वायरस का खात्‍मा कर देती है।
स्वास्थ्य कर्मी से बात करते इजरायल के प्रधानमंत्री बेजमिन नेतन्याहू
इजरायल के रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है – वैक्सीन विकसित कर ली गयी है। इसे पेटेंट कराने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। कुछ ही दिनों में अंतरराष्‍ट्रीय दवा कंपनियों से इसके व्‍यवसायिक स्‍तर पर उत्‍पादन के लिए बातचीत शुरू की जाएगी। बेन्‍नेट ने कहा-इस शानदार सफलता के लिए मुझे इंस्‍टीट्यूट के स्‍टाफ पर गर्व है। इजरायल अब अपने नागरिकों के स्‍वास्‍थ्‍य और अर्थव्‍यवस्‍था को फिर से खोलने की प्रक्रिया में संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है।
इससे पहले भी इजरायल के तेल अवीव विश्वविद्यालय में कार्यरत एक इजरायली वैज्ञानिक ने कोरोना परिवार के वायरसों के लिए वैक्सीन डिजाइन का पेटेंट हासिल कर लिया था, जिसके बाद वैक्सीन की चर्चा शुरू हो गयी थी। तेल अवीव यूनिवर्सिटी ने एक बयान जारी कर बताया था कि यह पेटेंट ‘यूनाटेड स्टेट्स पेटेंट एडं ट्रेडमार्क ऑफिस’ ने प्रदान किया है। यह वैक्सीन कोरोना वायरस की संरचना पर सीधी चोट कर उसे निष्क्रिय करने में सक्षम है। ये टीका विश्वविद्यालय के जॉर्ज एस वाइज फैकल्टी ऑफ लाइफ साइंसेज में स्कूल ऑफ मॉलिक्यूलर सेल बायोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी के प्रोफेसर जोनाथन गरशोनी ने विकसित किया था। बयान में कहा गया है कि दवा के विकास में अभी कई माह लग सकते हैं। इसके बाद इसके क्लीनिकल ट्रायल का चरण शुरू होगा।

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