नेकदिल ऋषि : जब अपने देस्त राज किरण को अमेरिका में पागलखाने से ढूंढ निकाला, इलाज कराया
नेकदिल ऋषि : जब अपने देस्त राज किरण को अमेरिका में पागलखाने से ढूंढ निकाला, इलाज कराया
New Delhi : ऋषि कपूर सिर्फ बड़े एक्टर ही नहीं। बहुत इमोशनल भी थे। उनका दिल बहुत बड़ा था। एक बार जिसे दोस्त मान लिया उसके साथ अंत तक दोस्ती निभाते थे। ऋषि चले तो गये लेकिन अपने पीछे मानवता की ऐसी विरासत छोड़ गये जिसे दुनिया हमेशा याद रखेगी। 10 साल पहले ऋषि कपूर ने कुछ ऐसा ही किया था। वर्ष 2011 में उन्होंने अपने कलीग और फ्रेंड एक्टर राजकिरण को दो साल के अथक प्रयासों के बाद अमेरिका में खोज निकाला था जो उस समय बहुत बुरी स्थिति में पागलखाने में मिले थे। इसी तरह ऋषि कपूर ने ही कई सालों के बाद मीनाक्षी शेषाद्री को भी खोज निकाला था जो अपने परिवार के साथ अमेरिका में एक गुमनाम जीवन जी रहीं थीं।
अब बात करते हैं एक्टर राजकिरण की। एकाएक खबर फैली की राजकिरण नहीं रहे। लेकिन ऋषि कपूर को इस न्यूज पर विश्वास नहीं हुआ। सुभाष घई की फिल्म कर्ज में राज किरण के साथ काम कर चुके ऋषि कपूर को इस बात पर विश्वास नहीं हुआ और उन्होंने राज किरण का पता लगाने का फैसला किया। कपूर ने पूरा पता किया। फिर उनको ढूंढते ढूंढते अमरीका पहुंच गये। फिर उन्हें राज किरण के बारे में पता चला। जब ऋषि कपूर राज किरण के भाई गोविंद मेहतानी से मिले तो पता चला कि राज किरण अटलांटा के पागलखाने में भर्ती हैं। राजकिरण को उनकी पत्नी और बेटे ने धोखा दिया था। तब से वह डिप्रेशन में चले गये थे।
पिछले तीन दशक से बॉलीवुड में किसी को भी इस शानदार अभिनेता राज किरण की खोजखबर नहीं थी। उनके करीबी दोस्त भी यह मानने लगे थे कि वह अब इस दुनिया में नहीं हैं। लेकिन उनके करीबी मित्र ऋषि कपूर और कई फिल्मों में राज के साथ अभिनय कर चुकीं दीप्ति नवल को इस पर यकीन नहीं था।
उन्होंने सोशल वेबसाइट फेसबुक पर एक संदेश जारी किया जिसमें उन्होंने लिखा – फिल्मी दुनिया के दोस्त की तलाश है। उनका नाम राज किरण है। हमें उनकी कोई खबर नहीं है। आखिरी बार उनके बारे में यह सुना था कि वह न्यूयॉर्क में कैब चला रहे हैं। अगर किसी के पास कोई जानकारी है तो आपसे गुजारिश है कि हमें बताइये।
बाद में अमेरिका में ऋषि कपूर को उनका पता चला। ऋषि के मुताबिक राज अपने इलाज का खर्चा खुद उठाते हैं। इसके लिए वह अस्पताल में ही काम करते हैं। ऋषि ने कहा था – राज मुझसे उम्र में छोटे हैं, लेकिन मैंने उनके साथ खाली वक्त में खूब मस्ती की है। मैं उनकी कमी महसूस करता हूं।
ऋषि कपूर बोले – मैं यही सोच रहा था कि राज कहां चला गया? यह सवाल मुझे बारबार परेशान कर रहा था। मैंने राज किरण को खोजने के लिए उनके बड़े भाई गोविंद मेहतानी से संपर्क साधने का फैसला किया। इसके बाद मुझे राज किरण के अटलांटा में होने का पता चला। लेकिन मुझे इस बात पर तसल्ली हुई कि वह जिंदा है। लेकिन राज को एक मानसिक रोग अस्पताल तक सीमित कर दिया गया है। सबसे ज़्यादा परेशान करने वाली बात यह है कि उनके परिवार ने भी कमोबेश उन्हें छोड़ दिया है।
बॉलीवुड में राज किरण को जानने वाले मानते हैं कि राज को उनकी पत्नी और बेटे ने छोड़ दिया था। यह मानसिक झटका राज बर्दाश्त नहीं कर पाये। उनका मूड बहुत तेजी से बदलता था और उनका इलाज काफी महंगा होने के चलते लगता है कि परिवार उनका साथ नहीं दे पाया। राज किरण ने घरेलू मुश्किलों के पूरे सिलसिले का सामना किया और अवसाद भरी जिंदगी जीने के लिए मजबूर हो गये। उनके परिवार में उनके बड़े भाई गोविंद और छोटा भाई अजीत हैं। लेकिन दोनों ही उनके संपर्क में नहीं हैं। जब ऋषि ने गोविंद से राज का फोन नंबर मांगा था तो उन्होंने कहा कि उनके पास नंबर नहीं है।
ऋषि ने कहा था – मैं फोन पर राज से बात करना चाहता था। लेकिन अब मैं खुद अमेरिका जाऊंगा और उनसे घर लौटने को कहूंगा। ऋषि कपूर राज किरण को मुंबई वापस लाना चाहते थे और उनकी फिल्मों में वापसी भी कराना चाहते थे। इस बारे में उन्होंने कहा था – मैं चाहता हूं कि राज को पता चले कि मैं उनकी फिक्र करता हूं। मैं खुद उन्हें रोल दिलाने की कोशिश करूंगा। पर अफसोस ऋषि कपूर ऐसा नहीं कर पाये।
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राज किरण के करीबियों का मानना है कि राज बॉलीवुड में काम नहीं कर रहे थे, लेकिन उन्होंने अच्छा निवेश कर रखा था, जिसके चलते उन्हें बीमारी के दौरान आर्थिक दिक्कतों का कम सामना करना पड़ा। राज किरण की यादगार फिल्में कागज की नाव, घर हो तो ऐसा, कर्ज और अर्थ हैं। लापता होने से पहले उन्होंने सुभाष घई, महेश भट्ट और बी आर इशारा जैसे फिल्मकारों के साथ काम किया था। यही नहीं इसके बाद ऋषि कपूर अपनी पुरानी दोस्त मीनाक्षी शेषाद्री को खोजने निकले और 2015 में अमेरिका में गुमनाम जिंदगी जीते हुये उनको भी खोज निकाला।
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