साहस को सलाम : नौ महीने के गर्भ के बाद भी हॉस्पिटल-सड़क पर कोरोना से जंग की अगुआ बनीं

साहस को सलाम : नौ महीने के गर्भ के बाद भी हॉस्पिटल-सड़क पर कोरोना से जंग की अगुआ बनीं


New Delhi : ये दो वीरांगनाओं के अदम्य साहस की कहानी। दोनों ही नौ माह के गर्भ से है। एक कर्नाटक के अस्पताल में कोरोना से जग में फ्रंट वॉरियर की भूमिका निभा रही है तो दूसरी ओडिसा में सड़कों पर पुलिस की वर्दी में लॉकडाउन और कानून व्यवस्था के संघर्ष में जुटी हुई है। दोनों में एक चीज समान है। और वो ये कि दोनों ही नौ माह की प्रेग्नेन्ट होने के बाद भी ड्यूटी बजा रही है। यही नहीं अपने अपने स्टेट के मुख्यमंत्री से छुट्टी पर जाने की गुजारिश को ठुकरा कर कोरोना को हराने में लगी हैं।
कर्नाटक के एक अस्पताल में कार्यरत नौ महीने की गर्भवती रूपा प्रवीण राव नाम की नर्स रोज अस्पताल जा रही है। ताकि कोरोना संकट में वो वहां अपने मरीजों की सेवा कर सके। कर्नाटक के गजानुरू गांव की रहने वाली हैं और इस समय जयाचमाराजेंद्र सरकारी अस्पताल में नर्स के रूप में कार्यरत हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक रूपा तालुक अस्पताल कई गांव से घिरा हुआ है, और लोगों को उनकी जरूरत है।
चूंकि, रूपा गर्भवती हैं इसलिए उनके वरिष्ठ साथियों ने उनसे अवकाश लेने के लिए कहा, मगर रूपा लोगों की मदद करना चाहती हैं। लिहाजा वो रोजना अपने काम आ रही हैं और पूरी ईमानदारी से 6 घंटे की शिफ्ट कर रही हैं। इस दौरान वो मरीजों का पूरा ख्याल रख रही हैं।
रूपा के मुताबिक उनके काम से प्रभावित होकर राज्य के सीएम बीएस येदियुरप्पा उन्हें फोन कर चुके हैं और उनकी हौसला अफजाई कर चुके हैं। येदियुरप्पा ने रूपा को आराम करने का सुझाव भी दिया था। मगर रूपा फ्रंटलाइन में खड़े रहकर कोविड-19 को हराने में लगी हुई हैं। जिस तरह से रूपा अपनी जिंदगी को खतरे में डाल कर दूसरों की सेवा में लगी हुई हैं, उसकी जितनी भी तारीफ की जाए कम है।
इधर मयूरभंज जिले की सब इंस्पेक्टर ममता मिश्रा भ्री आजकल सुर्खियों में हैं। नौ महीने की गर्भवती कोरोना आपदा और लॉकडाउन की मौजूदा स्थिति में अपने दायित्वों को समझते हुए ममता 8 से 10 घंटे नहीं बल्कि पंद्रह सोलह घंटे तक ड्यूटी बजा रही हैं। घरवाले और परिचित रोकना तो चाहते हैं लेकिन रोक नहीं पाते हैं।
जब ओडिसा के पुलिस महानिदेशक अभय मयूरभंज जिले में आये तो उनकी स्वागत करनेवालों में सब इंस्पेक्टर ममता मिश्रा सबसे आगे खड़ी थीं। डीजीपी दंग रह गये। किसी में इतना भी हीरोइज्म हो सकता है। क्या कोई अपनी ड्यूटी को लेकर इतना मतवाला हो सकता है। जवाब मिला, जी हां। ममता ऐसी ही है। कर्तव्यबोध तो कूट कूट कर भरा है। इसके बाद ओडिशा के पुलिस महानिदेशक अभय ने आठ महीने की गर्भवती होने के बावजूद लॉकडाउन के दौरान ड्यूटी कर रही सब इंस्पेक्टर की बुधवार को बहुत अधिक प्रशंसा की। राज्य के पुलिस प्रमुख अभय ने मयूरभंज जिले के दौरे पर वहां बेतनटी पुलिस थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर ममता मिश्रा की कार्य के प्रति तत्परता को देखा और समझा।
डीजीपी ने ट्वीट किया – आठ माह की गर्भवती यह दिलेर पुलिसकर्मी ड्यूटी कर रही हैं। उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें सड़क या चौकी के बजाय बेतनटी पुलिस थाने में तैनात किया गया है। यह काबिले तारीफ है।
हालांकि ममता मिश्रा अपने कार्य पर रहने के फैसले को बहुत बड़ा नहीं मानतीं। उन्होंने कहा – जब पुलिस, डॉक्टर और नर्सों समेत पहली पंक्ति के अन्य सभी लोग इस संकट के दौरान कड़ी मेहनत कर रहे हैं, तो वह क्यों नहीं कर सकती? यह हम सभी के लिये चुनौती है और किसी को भी बहाना बनाकर इससे बचना नहीं चाहिए। मिश्रा ने कहा कि वह ठीक हैं और जब जरूरत होगी तब छुट्टी पर जाएंगी।
डीजीपी ने कोविड-19 के प्रकोप के चलते अपनी-अपनी शादियां टालने वाले मयूरभंज के दो पुलिसकर्मियों की भी प्रशंसा की। उन्होंने ट्वीट किया – मयूरभंज की अपनी यात्रा के दौरान मैंने सिपाही विकास बारिक और सिपाही आशीष कुमार डे से मुलाकात की। इन्होंने कोरोना वायरस के दौरान अपनी ड्यूटी के चलते आठ मई को होने वाली अपनी-अपनी शादियां टाल दीं।

1 comments