बेबाक ऋषि – डिप्रेस हो गये अकेले घर में, लॉकडाउन में थोड़ी देर के लिये ही खोल दो शराब की दुकानें
बेबाक ऋषि – डिप्रेस हो गये अकेले घर में, लॉकडाउन में थोड़ी देर के लिये ही खोल दो शराब की दुकानें
New Delhi : ऋषि कपूर को दो साल पहले कैंसर डिटेक्ट हुआ था। मगर इस गंभीर बीमारी से जूझने के दौरान भी वे सोशल मीडिया से दूरी नहीं बना पाये। लगातार एक्टिव रहे। खासकर ट्विटर पर उनकी मौजूदगी और उनकी बेबाक टिप्पणियों ने हमेशा से लोगों को झकझोरा तो कभी विवाद का वायस भी बनें। कपूर खानदान में कोई दूसरा सोशल मीडिया पर ऐसी पैठ नहीं बना पाया। खुद उनके बेटे रणबीर कपूर तो अब तक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नहीं हैं, लेकिन ऋषि जनवरी 2010 में ही ट्विटर पर आ गये थे।
खाने-पीने के शौकीन ऋषि ने इस लॉकडाउन में भी कई ट्वीट किये जिस पर हो हल्ला मचता रहा। उन्होंने लॉकडाउन में शराब की दुकान खोलने की अपील सरकार से की। ऋषि के ट्वीट उनकी बेबाकी का सबूत देते थे। जहां बाकी स्टार्स सोशल प्लेटफॉर्म्स पर तोल-मोल कर बोलते हैं, वहीं ऋषि ने हमेशा वही लिखा जो उनका दिल चाहा। इसके कारण कई बार विवादों में भी घिरे, ट्रोल भी हुए। 10 साल में एक बार उन्होंने ट्विटर छोड़ा भी, लेकिन वापस आ गये।
ये था आखिरी ट्वीट : 2 अप्रैल को ऋषि ने अपना आखिरी ट्वीट किया था, जिसमें लिखा था – सभी भाइयों और बहनों से अपील है कि कृपया हिंसा, पत्थरबाजी या लिंचिंग का सहारा न लें। डॉक्टर, नर्स, मेडिकल स्टाफ, पुलिसकर्मी आपको बचाने के लिए अपनी जिंदगी खतरे में डालते हैं। हमें इस कोरोनावायरस युद्ध को एक साथ जीतना होगा। प्लीज। जय हिन्द!
ये था आखिरी ट्वीट : 2 अप्रैल को ऋषि ने अपना आखिरी ट्वीट किया था, जिसमें लिखा था – सभी भाइयों और बहनों से अपील है कि कृपया हिंसा, पत्थरबाजी या लिंचिंग का सहारा न लें। डॉक्टर, नर्स, मेडिकल स्टाफ, पुलिसकर्मी आपको बचाने के लिए अपनी जिंदगी खतरे में डालते हैं। हमें इस कोरोनावायरस युद्ध को एक साथ जीतना होगा। प्लीज। जय हिन्द!
An appeal to all brothers and sisters from all social status and faiths. Please don’t resort to violence,stone throwing or lynching. Doctors,Nurses,Medics, Policemen etc..are endangering their lives to save you. We have to win this Coronavirus war together. Please. Jai Hind!
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लॉकडाउन में शराब की दुकान खुलवाने की हिमायत करते रहे। ऋषि कपूर ने 28 मार्च 2020 को एक ट्वीट में कहा था- कुछ समय के लिए सरकार को हर शाम लाइसेंसी शराब की दुकानें खोलने की इजाजत देना चाहिए। गलत मत समझिए। ऐसे हालात में सारे लोग घर पर हैं और डिप्रेशन से जूझ रहे हैं। पुलिस, डॉक्टरों और आम इंसान को भी कुछ तो राहत चाहिए। वैसे भी ब्लैक में तो बिक रही है।
Think. Government should for sometime in the evening open all licensed liquor stores. Don’t get me wrong. Man will be at home only what with all this depression, uncertainty around. Cops,doctors,civilians etc... need some release. Black mein to sell ho hi raha hai. ( cont. 2)
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26 मार्च को ऋषि ने ट्वीट किया- प्यारे दोस्तों, देखो देश में क्या हो रहा है। यहां इमरजेंसी लगा देना चाहिए। टीवी पर दिखाई गई बातों पर यकीन करें तो लोग डॉक्टरों और पुलिसवालों को मार रहे हैं। हालात संभालने का और कोई तरीका नहीं है। यह हम सबके भले के लिए होगा, क्योंकि लोगों में तनाव बढ़ रहा है।
Dear fellow Indians. We must and have to declare EMERGENCY. Look at what’s happening all over the country! If the TV is to believed,people are beating policemen and medical staff! There is no other way to contain the situation. It is only good for all of us. Panic is setting in.
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2017 में विनोद खन्ना के अंतिम संस्कार में जब नई पीढ़ी के कई एक्टर नहीं पहुंचे थे तो ऋषि ने लिखा था- शर्मनाक। विनोद खन्ना के अंतिम संस्कार पर आज की पीढ़ी का कोई भी एक्टर नहीं पहुंचा। यहां तक कि जिन्होंने उनके साथ काम किया वे भी नहीं। कम से कम इज्जत करना तो सीखो।
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