शहीद कर्नल की पत्नी बोलीं – गर्व है, आंसू नहीं बहाऊंगी, आशु का पैशन और ड्रीम सिर्फ यूनिफार्म थी


शहीद कर्नल की पत्नी बोलीं – गर्व है, आंसू नहीं बहाऊंगी, आशु का पैशन और ड्रीम सिर्फ यूनिफार्म थी


New Delhi : हंदवाड़ा एनकाउंटर में 21 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा की पत्नी ने कहा – मुझे गर्व है कि पति देश की रक्षा करते हुए शहीद हुये। उनकी शहादत पर आंसू नहीं बहाऊंगी। देश के लिए कुर्बान होना सम्मान की बात है। यह उनका फैसला था। कर्नल शर्मा मूलत: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के रहनेवाले थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के वीर जवान कर्नल आशुतोष शर्मा के परिवार को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। बुलंदशहर के परवाना गांव में उनका घर और जमीन है।
कर्नन आशुतोष मूल रूप से बुलंदशहर के रहनेवाले हैं। परिवार जयपुर में रहता है।
फिलहाल कर्नल शर्मा का परिवार जयपुर में रहता है। उनकी पत्नी पल्लवी और बेटी तमन्ना के अलावा बुजुर्ग मां, भाई-भाभी और एक बहन भी हैं। बड़े भाई पीयूष अजमेर रोड पर जयसिंहपुरा में सेलिब्रेशन विला में रहते हैं, जबकि कर्नल की पत्नी पल्लवी और बेटी वैशाली नगर इलाके में रंगोली गार्डन में रहती हैं। यहीं, उनके ससुराल के लोग भी रहते हैं। आशुतोष के परिजनों को रविवार सुबह उनकी शहादत की खबर मिली। बेटी ने कहा – शुक्रवार एक मई को उनसे जब बात हुई तो उन्होंने कहा था ऑपरेशन खत्म करने के बाद जल्द लौटकर आऊंगा।
कर्नल आशुतोष के शहीद होने की खबर मिलते ही एकबारगी परिवारवालों की आंखें छलक पड़ीं। लेकिन, फिर उन्होंने खुद को संभाला। शहीद कर्नल की पत्नी पल्लवी ने कहा – आर्मी ज्वाइन करने के बाद से आशु का पैशन और ड्रीम सिर्फ उनकी यूनिफार्म थी। ऐसे में कोई उनकी शहादत पर अफसोस जताये, यह सही नहीं है। आशु ने जो किया वह उनका निर्णय था। हमें उनके निर्णय का सम्मान करना पड़ेगा। वे देश के लिए शहीद हुये हैं। इसलिए हमारी आंखों में गम के आंसू नहीं हैं। हमें उनकी शहादत पर गर्व है।
पल्लवी ने कहा – आखिरी बार 1 मई को आशुतोष से बात हुई थी। तब मैंने 21 आरआर की 26वीं वर्षगांठ पर विश करने के लिए उन्हें फोन किया था। उसके बाद वह ऑपरेशन में चले गये थे। उनकी व्यस्तता की वजह से बहुत बात करने का वक्त नहीं मिलता था। वे बस इतना ही कहते थे कि अपना ख्याल रखना। उनको इस साल जून में हंदवाड़ा में दो साल पूरे होने वाले थे। मैं आखिरी बार उनसे 28 फरवरी को उधमपुर में मिली थी। इसके बाद हमारी सिर्फ फोन पर बात हुई थी।
पल्लवी ने कहा – कहीं ना कहीं कल रात से ही अंदेशा था कि चीजें बहुत अच्छी नहीं हो रही हैं, क्योंकि उनसे (आशुतोष) कॉन्टेक्ट नहीं हो पा रहा था। हमारी शादी को 16 साल हो गए हैं। इतने सालों में आर्मी की ड्यूटी में पता चल जाता है कि अगर कॉन्टेक्ट नहीं हो पा रहा है तो मतलब है कि वे किसी ऑपरेशन में हैं। तब चिंता भी होती है।
आशुतोष के भाई पीयूष शर्मा ने कहा – यह गर्व का विषय है। आशुतोष एक जांबाज अफसर थे। देशभक्ति और वीरता उनकी रग-रग में थी। आशुतोष ने कहा था कि जिस दिन ऑपरेशन पूरा हो जायेगा। उसके अगले दिन फ्लाइट पकड़कर घर आ जाऊंगा।
कर्नल आशुतोष अपनी बेटी के साथ। एक मई को बेटी से बात की थी और कहा था जल्दी आऊंगा
शहीद कर्नल आशुतोष की मां ने भावुक होते हुए कहा – मेरी जिंदगी आधी रह गई। मेरा एक ही बेटा रह गया है। वह मुझसे कहता था कि मां हंदवाड़ा घुमाऊंगा। दो दिन पहले आखिरी बार बात हुई थी। मां आपको यहां बुलाऊंगा। अभी कोई जरूरी काम में लगा हुआ हूं। वह रोजाना फोन करता था। जहां भी पोस्टिंग होती थी। वहां जरूर लेकर जाता था।

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