देवप्रयाग का पानी अब मिनरल वाटर से कई गुणा बेहतर, सहारनपुर से दिखने लगी बर्फीली हिमालय



देवप्रयाग का पानी अब मिनरल वाटर से कई गुणा बेहतर, सहारनपुर से दिखने लगी बर्फीली हिमालय


New Delhi : देव प्रयाग में गंगा का पानी इतना साफ हो गया है कि अभी अगर यहां का पानी नियमित पीया जाये तो शरीर से सारे रोग और व्याधि दूर हो जायेंगे। वैसे तो गंगा के पानी में हर जगह सुधार हुआ है लेकिन देवप्रयाग की बात ही कुछ अलग है। अभी तो देवप्रयाग का नजारा भी अद्भुत है। उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण बोर्ड के मुताबिक देवप्रयाग में गंगा में हानिकारक जीवाणुओं की संख्या नगण्य हो गईं हैँ। अन्य तरह की गंदगी भी समाप्त हो गई है। बोर्ड की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक यहां बायो ऑक्सीजन डिमांड करीब 20 फीसदी कम हुई है। यानी यहां के पानी के जैविक कणों को तोड़ने के लिए बीस प्रतिशत कम ऑक्सीजन की जरूरत हो रही है।यहां का पानी बेहतरीन मिनरल वाटर की गुणवत्ता से भी बेहतर है।
रविवार शाम बारिश के बाद नजारा देखकर सभी चौंक गये। चकराता से ऊपर की ओर गंगोत्री यमुनोत्री पर्वत श्रंखला की बंदरपूंछ आदि की पहाड़ियां साफ दिखाई दे रही थी। यह पहाड़ियां करीब 200 किलोमीटर दूर हैं।
कोरोना आपदा की वजह से 24 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन जारी है। भारत की पूरी आबादी इस वक्त अपने घरों में कैद है और कल-कारखानों पर भी ताला लगा है। इस लॉकडाउन की वजह से प्रदूषण के स्तर में भी भारी कमी आई है और प्रकृति अपने पूराने स्वरूप में लौट आई है। लॉकडाउन में लोगों ने पहली बार प्रकृति को इतनी नजदीक से देखा व उससे जुड़ाव महसूस किया है। वाहन-फैक्ट्री सब बंद होने से हवा साफ व धूल-धुंए से मुक्त हो गईं है और प्रकृति के नजारे आम हो गए हैं। हालात यह हैं कि सहारनपुर से अपर हिमालयन रेंज की बर्फीली पहाड़ियां तक आसानी से देखी जा रही हैं।
ऐसे ही कुछ खुशनुमा पल इनकम टैक्स अधिकारी दुष्यंत कुमार सिंह ने अपने कैमरे में कैद किये हैं। रविवार शाम बारिश के बाद नजारा देखकर वह भी एक बारी चौक गए थे। चकराता से ऊपर की ओर गंगोत्री यमुनोत्री पर्वत श्रंखला की बंदरपूंछ आदि की पहाड़ियां साफ दिखाई दे रही थी जिन्हें उन्होंने अपने कैमरे में कैद किया हैं। सिंह की अध्यापक पत्नी निधि बताती हैं कि यह पहाड़ियां करीब 200 किलोमीटर दूर है।
हरिद्वार में हरि की पौड़ी पर साफ और निर्मल गंगा। देखते ही बन रही है।
अभी तक वायुमंडल में पसरे घने प्रदूषण के चलते देहरादून-मसूरी की पहाड़ियां भी कभी-कभार बारिश के बाद मुश्किल से दिखाई दे पाती थीं लेकिन आज अपर हिमालयन रेंज की पर्वत श्रृंखलाएं सहारनपुर से दिखाई दे रही हैं तो मतलब साफ है – हवाओं को साफ व प्रदूषण मुक्त बनाने का जो काम पूरी सरकारी मशीनरी न कर पाई हो, उसे लॉकडाउन ने कर दिखाया हैं। प्रदूषण विभाग के भी अनुसार, लॉक डाउन के चलते हवाओं की गुणवत्ता में करीब 35% तक सुधार है। जिले का एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई लेवल 70 पर आ गया है। जो दिवाली के आसपास 300 पार पहुंच जाया करता था और 120-125 से कम तो कभी आता ही नहीं था।

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